2009-09-18

Daastaan

दिल में है जो दर्द इतना, वो दर्द किसे बताएं…..

हंसते हुए ये ज़ख्म हजारो, देखो हम कैसे छुपाएँ !!

कहती है ये दुनिया खुश नसीब हमें …………….

मगर हम अपने इस नसीब की दास्ताँ किसे सुनाएँ !!

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